Sunday 1 March 2015

Deafness

बहरापन(Deafness).......
परिचय-
वैसे तो जन्म से ही बहरेपन का कोई इलाज नहीं है लेकिन अन्य कारणों से बहरेपन होने पर इसका इलाज किया जा सकता है। जो मनुष्य जन्म से ही बहरा होता है उसका उपचार करना मुश्किल होता है।
बहरापन तीन प्रकार का होता है-
1. कई प्रकार के रोगों के द्वारा पैदा हुआ बहरापन।
2.
जन्म से ही बहरापन होना।
3.
स्नायविक क्रिया की गड़बड़ी या शारीरिक कमजोरी के कारण उत्पन्न बहरापन।
बहरापन होने का कारण :-
बहरापन या ऊंचा सुनने के अनेक कारण हो सकते हैं- अचानक ऊंची आवाजें कान में पड़ने के कारण कान बंद हो जाना, माथे पर चोट लगना तथा कान में मैल जमा हो जाना। यह रोग अन्य कई कारणों से भी सकते हैं जैसे- कान पकना या किसी प्रकार की बीमारी होना आदि। कुनीन का अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है। इन सभी कारणों से रोगी बहरा हो सकता है या ऊंचा सुनने लगता है।
विभिन्न प्रकार के लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक औषधियों से चिकित्सा :-
शारीरिक कमजोरी के कारण उत्पन्न बहरापन :-
1. यदि शारीरिक कमजोरी के कारण बहरेपन का लक्षण उत्पन्न हुआ हो तो चिकित्सा करने के लिए फास औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
2. शारीरिक कमजोरी होने के साथ-साथ बहरापन स्नायविक की वजह से हो तो उसे ठीक करने के लिए चिनी-सल्फ औषधि की 3X मात्रा विचूर्ण का उपयोग करना चाहिए।
3. शारीरिक कमजोरी के कारण बहरापन हुआ हो और इसके साथ ही रोगी का कलेजा धड़कता हो तो उसका उपचार करने के लिए पेट्रोल औषधि की 3X मात्रा या आर्स औषधि की 3 शक्ति का उपयोग कर सकते हैं।
सर्दी लगने के कारण उत्पन्न बहरापन :-
1. यदि सर्दी लगने के कारण यह रोग हुआ हो और रोग नया हो तो उसकी चिकित्सा करने के लिए पल्स औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का उपयोग करना लाभकारी होता है।
2. सर्दी लगने के कारण उत्पन्न बहरापन का रोग पुराना हो गया हो तो कैलिहाइड्रो औषधि की 3X मात्रा विचूर्ण या मर्क-बाई औषधि की 6X मात्रा विचूर्ण का सेवन करना चाहिए।
3. यदि बरसात की तर हवा लगने के कारण बहरापन का रोग हुआ हो तो रोग को ठीक करने के लिए डल्कामारा औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का उपयोग किया जाता है।
4. ठण्डी सूखी हवा लगने के कारण उत्पन्न बहरेपन की चिकित्सा करने के लिए ऐकोन औषधि की 2X मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
5. सर्दी लगकर बहरापन हो और बात करने के साथ-साथ कम सुनाई दे रहा हो तो उपचार करने के लिए ब्रायो औषधि का उपयोग कर सकते हैं।
बुखार होने के कारण उत्पन्न बहरापन :-
1. बुखार के कारण उत्पन्न बहरेपन के साथ यदि सिर में चक्कर आ रहा हो तो इस रोग को ठीक करने के लिए बेल औषधि की 3 शक्ति का सेवन करने से अत्यन्त लाभ मिलता है।
2. शरीर में रक्तस्राव होने के कारण बुखार आकर बहरापन हो गया हो तो उसे दूर करने के लिए चायना औषधि की 3X मात्रा या एसिड-फास औषधि का उपयोग करना लाभदायक है। इस प्रकार के बहरेपन को ठीक करने के लिए पल्स औषधि की 6 शक्ति या सल्फ औषधि की 30 शक्ति का भी उपयोग कर सकते हैं।
त्वचा का कोई रोग दब जाने या कान का पीब निकलना बंद हो जाने के कारण उत्पन्न बहरापन इस प्रकार के लक्षण होने पर चिकित्सा करने के लिए सल्फर की 30 शक्ति, हिपर-सल्फर की 6 शक्ति या आरम की 3X मात्रा या 200 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
तालुमूल में जलन या उपचिन्हा फूलने के कारण बहरापन होना :
इस प्रकार के लक्षण होने के कारण उत्पन्न बहरापन को दूर करने के लिए मर्क-कोर की 6 शक्ति, मर्क-बिन-आयोड की 6X मात्रा, कैलि-हाइड्रो की 3X मात्रा या इसकी 30 शक्ति विचूर्ण या फिर बैराइटा-कार्ब औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
मस्तिष्क में गहरी चोट लगने के कारण बहरापन होना :-
इस प्रकार के लक्षण होने के कारण बहरापन उत्पन्न होने के साथ ही कान में सुरसुरी होने पर आर्निका औषधि की 3X मात्रा का उपयोग कर सकते हैं।

 कानों में अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई देना :-
1. इस प्रकार के लक्षण होने के कारण उत्पन्न बहरेपन तथा इसके साथ ही आवाजें कम सुनाई पड़ना। इस प्रकार के बहरेपन को दूर करने के लिए नक्स-वोम की 3 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
2. यदि इस प्रकार के लक्षण होने के साथ ही सुनने की शक्ति तेज हो तो नेट्रम-सैलिसिलिकम औषधि की 3 शक्ति या इग्नेशिया औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
3. बहरापनहोने के साथ ही कान में गहरी या बायीं कर्णमूल ग्रन्थियों में थोड़ा दर्द हो तो बैप्टीशिया औषधि की 2x मात्रा का सेवन करना चाहिए।
अन्य उपचार :-
1. बहरापन होने की पहली अवस्था में मूलेन तेल की लगभग चार बूंद की मात्रा दिन में दो बार कान में डालें या रूई को इस तेल में तर करके कान में रखें।
2. स्नान करते समय कानों में पानी जाने से बचाना चाहिए।
3. कभी भी बच्चों के कान पर नहीं मारना चाहिए क्योंकि चोट लग जाने के कारण यह रोग उसे हो सकता है।
4. यदि कान में अधिक मैल जमा हो गया हो तो उसे निकाल देना चाहिए पर मैल ध्यान से निकालना चाहिए। Read More....

4 comments:

  1. मेरे कान कि नस कमजोर है इसलिये कम सूनाई देता है
    कूच इलाज है क्या?

    ReplyDelete
  2. Mere kaan ki nas 90%damage h or kaan me bht tej awaje aati h.... Mind distract hota h Kya Ye thik ho skta h Plzz tell me

    ReplyDelete
  3. Sir mere kan ke nas sukh gay hai koi dwa btay plz 8570082340 plz sir jindgi bekar lagta hai

    ReplyDelete
  4. कान में सनसनाहट को खत्म कैसे करे

    ReplyDelete